Do chhoti si , adhuri si, ghazal arz kartaa hoo.n.I tried to complete them , but couldn't .
Then I gave up . May be they are good as it is , ie. incomplete. After all, am I complete ? ?
आओ
खेल कर यूँ उँगलियों से बालों में ,
और उलझाओ ना सवालों में .
पढने वाले तो पढ़ ही लेते हैं,
दिल की सब दास्ताँ रुमालों में .
गर हकीकत मैं ना हुए हासिल ,
मिलने आओगे ना ख्यालों में ?
कल सुबह ज़िन्दगी रहे ना रहे,
...??
Then I gave up . May be they are good as it is , ie. incomplete. After all, am I complete ? ?
आओ
खेल कर यूँ उँगलियों से बालों में ,
और उलझाओ ना सवालों में .
पढने वाले तो पढ़ ही लेते हैं,
दिल की सब दास्ताँ रुमालों में .
गर हकीकत मैं ना हुए हासिल ,
मिलने आओगे ना ख्यालों में ?
कल सुबह ज़िन्दगी रहे ना रहे,
...??
KOHRA
आज वादी में खूब कोहरा है ,
दिल अकेला है दर्द दोहरा है .
तेरे कानो को ही नहीं पहुंची ,
बात जिसका की यूं धिन्दोरा है .
आसमानों से खेलता है वो ,
आदमी क्या है एक मोहरा है .
ढेर सारा नहीं है तो ना सही ,
यह तो कह दो की प्यार थोड़ा है .
याद आती हो इस कद्र से तुम,
. . . ??..
No comments:
Post a Comment