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Saturday, August 14, 2010
Friday, August 13, 2010
जन्मदिन आए बारंबार
जन्मदिन आए बारंबार
तारों से चमको जग मग में
मिले स्नेह अपार
तारों से चमको जग मग में
मिले स्नेह अपार
जन्मदिन आए बारंबार
खुशियों से भरी झोली हो
फिर भी कोयल सी बोली हो
झरे वसंत बहार
जन्मदिन आए बारंबार
फिर भी कोयल सी बोली हो
झरे वसंत बहार
जन्मदिन आए बारंबार
अपनों के संग सब मेले हों
सच सपने सब अलबेले हों
किस्मत करे शृंगार
जन्मदिन आए बारंबार
सच सपने सब अलबेले हों
किस्मत करे शृंगार
जन्मदिन आए बारंबार
Thursday, August 12, 2010
छूकर होंठ तेरे
दम निकला दीवाने का, अब तो दीद देदो दिलबर मेरे….मैं दीवाना “आजकल”, अब न आँसू गिरेंगे मेरे….होंठ सूखे हुए हैं, सर्द हवा से मेरेनरम होंगे ये अब, छूकर होंठ तेरेदेख लिया ज़माने की सभी, “ज़ीनत” सी जवानों कोज़माने की सारी “ज़ीनत” तुझमे, ये खबर नहीं है दीवानों कोदम निकला दीवाने का, अब तो दीद देदो दिलबर मेरे….मैं दीवाना “आजकल”, अब न आँसू गिरेंगे मेरे….तू कपडों में लगती, देवी की एक मूरत हैवरना तो तुझमे भोली सी, बस एक सूरत हैमैं जवानी के दिन अपने, जोड़ सकता हूँ उंगलियों परतू कर कुछ ऐसा, कि मैं रातें न जोड़ पाऊँ उंगलियों पर
न समझ मुझको अपना आशिक, मैं न कोई कसम खाऊंगाजब तक जवाँ रहेगी तू, बस तब तक साथ निभाऊंगादम निकला दीवाने का, अब तो दीद देदो दिलबर मेरे….मैं दीवाना “आजकल”, अब न आँसू गिरेंगे मेरे….
Sunday, August 8, 2010
ये दूरियां
बिन तेरे ये जिंदगी अधूरी थी ,
तेरे साथ न होना मेरी मज़बूरी थी ,
हो कर भी पास तू दूर थी मुझे से ,
जाने ये कैसी दुरी थी ,
आना चाहता था पास तेरे ,
पर जाने क्यों इतना डरता था ,
दूर से देख मुझे वो ,
धीरे से सजदा करती थी ,
मोहब्बत में वो भी मेरी ,
पल -पल आहें भारती थी ,
छिप-छिप कर वो मुझेसे ,
मिलने की कोशिश करती थी ........
तेरे साथ न होना मेरी मज़बूरी थी ,
हो कर भी पास तू दूर थी मुझे से ,
जाने ये कैसी दुरी थी ,
आना चाहता था पास तेरे ,
पर जाने क्यों इतना डरता था ,
दूर से देख मुझे वो ,
धीरे से सजदा करती थी ,
मोहब्बत में वो भी मेरी ,
पल -पल आहें भारती थी ,
छिप-छिप कर वो मुझेसे ,
मिलने की कोशिश करती थी ........
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