क्या ये तेरी दोस्ती और कैसा ये तेरा दोस्ताना
हसता है तू हमपर ऐसे, सुनकर मेरे प्यार का अफसाना
तू भी झूठा और ये तेरी दोस्ती भी झूठी
तूने बहुत है खींचा, तब ये डोर है टूटी
तुझसे लिपटकर, रोने को जी करता है
पर तू नहीं है मेरा दोस्त, ये सोचकर दिल रोता है
ये कविता नहीं मेरा दर्द रो रहा है
मुझे मालुम है कि तू बस, मेरे दर्द का भूका है
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