दर्द कुछ घटता नहीं है, क्या करें ,
दिल कहीं लगता नहीं है, क्या करें.
रात काली स्याह इतनी देर थी,
दिन में कुछ दीखता नही है क्या करें .
बाँध था जो सब्र का बरसों तलक,
बाढ़ आ कर ढा गयी है क्या करें .
ख्वाब - खाली थे, बहुत खामोश थे,
कोई छम से आ गयी हैं क्या करें .
देख कर इक बार उनको रूबरू,ख़त से जी भरता नहीं है क्या करें .
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