अपने महबूब को चाँद कहने वालो….
टूटे सपनों से चौंक कर उठने वालो….
टूटे सपनों से चौंक कर उठने वालो….
कभी देखो मेरे चाँद को जो आसमा में छाया है
हो रही मुलाकात मेरी, ये आज फिर मुझसे मिलने आया है
हो रही मुलाकात मेरी, ये आज फिर मुझसे मिलने आया है
मेरे चाँद की खूबसूरती को समेंटने की कोशिश करने वालो, ये न कोई सुंदरी की काया है
सदियों से समेंट न पाया मैं, आज फिर कोशिश की तो अपने चाँद को और भी खूबसूरत पाया हैI
सदियों से समेंट न पाया मैं, आज फिर कोशिश की तो अपने चाँद को और भी खूबसूरत पाया हैI
टेक्स्ट का रंग ऐसा है की कुछ पढ़ा नहीं जा रहा
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