Thursday, February 11, 2021

वोट के दलाल

मेरे शरीर में खून है, हम भी इंसान है।

दिल जख्मी शरीर लहूलुहान है।

क्या यही अम्बेडकर का हिन्दुस्तान है ?

ऐ वोट के दलालों, इंसानियत के नाम पे हैवान।

अपने वोट की राजनीति में इंसानियत को मारने वाले।

क्या यही वीर सावरकर का हिन्दुस्तान है ?