Sunday, February 11, 2018

Ye Raatein Ye Mausam / ये रातें, ये मौसम नदी का किनारा

ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा

ये क्या बात है आज की चाँदनी में
के हम खो गये प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा जिंदगी का मज़ा

सितारों की महफ़िल नें कर के इशारा
कहा अब तो सारा जहां है तुम्हारा
मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो
करे कोई दिल आरजू और क्या

कसम है तुम्हे, तुम अगर मुझसे रूठे
रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे
तुम्हे दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा

Suhana Safar Aur Yeh Mausam / सुहाना सफर और ये मौसम हसीं

सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं
हमें ड़र हैं हम खो ना जाए कहीं

ये कौन हँसता है फूलों में छुपकर
बहार बेचैन है किसकी धूनपर
कहीं गुनगुन, कहीं रुनझुन के जैसे नाचे ज़मीन

ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर
प्यारे प्यारे ये नज़ारे, निखार है हर कहीं

वो आसमां झूक रहा है ज़मींपर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर
मेरी दुनिया, मेरे सपने मिलेंगे शायद यहीं