Wednesday, September 1, 2010

जन्मास्टमी



चन्दन  की  खुशबु  रेशम  का  ह …
चन्दन  की  खुशबु  रेशम  का  हार  
सावन  की  सुगंध  बारिश  की  फुहार 
राधा  की  उम्मीद  कन्हैया  का  प्यार 
मुबारक  हो  आपको  जन्मास्टमी  का  त्यौहार …


आप सबों को जन्मास्त्मी मुबारक हो....

Friday, August 27, 2010

तुझे पुकारा तनहाइयों में I

तुझे  ख्वाबों  में  ही   सही,  पर  तुम्हे  पास   बुला  कर  रोयाI

हर  जगह  तुझे  ढूंढा , तुझे  पुकारा  तनहाइयों   में 

पर कहीं  न  तुझे  पाकर  अपने  आप  में  बहुत  रोयाI 

मुझसे  क्या  गलती  हुई , आज  तक  मै नहीं  समझ  पाया

तुम्हारे  इतने  करीब  जाकर  भी  क्यों  दूर  हो  गया
तुम्हारी  लकीरों  में  शायद  मेरा  नाम  नहीं  थाI



इसलिए  तो  तुम  मुझे  अपने  काबिल  भी  नहीं  समझी
साथ  माँगा  था  मैंने  तुमसे  ज़िन्दगी  भर  का,

दिल  तोड़  दिया  तुमने , इसमें  मेरा  क्या  कसूर था I

हमने  तो  बहुत  चाह  तुम्हारे  बिना  मुस्कुराने  की,
पर  तुम्हारे  बिना  खुद  को  तनहा  और  उदास  पाया I


 
तुझे  याद  करके  तेरी  यादों  को सीने  से  लगा  कर रोया,
तुझे  ख्वाबों  में  ही  सही , पर  तुम्हे  पास  बुला कर  रोया I

जी लो मेरे साथ! कल हो न हो,

Do chhoti si , adhuri si, ghazal arz kartaa hoo.n.I tried to complete them , but couldn't .



Then I gave up . May be they are good as it is , ie. incomplete. After all, am I complete ? ?

आओ  



खेल  कर  यूँ  उँगलियों  से  बालों  में  ,
और  उलझाओ  ना  सवालों में .

पढने  वाले  तो  पढ़  ही  लेते  हैं,
दिल  की  सब  दास्ताँ  रुमालों  में .

गर  हकीकत  मैं  ना  हुए हासिल ,
मिलने  आओगे  ना  ख्यालों में  ?


कल  सुबह  ज़िन्दगी  रहे  ना  रहे,
...??



KOHRA

आज  वादी  में खूब  कोहरा  है  ,
दिल  अकेला  है दर्द  दोहरा  है .

तेरे  कानो   को ही  नहीं  पहुंची ,
बात  जिसका  की  यूं  धिन्दोरा  है .

आसमानों  से  खेलता  है  वो ,
आदमी  क्या  है  एक  मोहरा  है  .

ढेर  सारा  नहीं  है  तो  ना  सही  ,
यह  तो  कह  दो  की  प्यार  थोड़ा  है .

याद  आती  हो  इस  कद्र  से  तुम,
. . . ??..

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है



कोई  दीवाना  कहता  है, कोई  पागल  समझता  है
मगर  धरती  की  बेचैनी  को  बस  पागल  समझता  है!
मैं   तुझसे  दूर  कैसा  हूँ, तू  मुझसे  दूर  कैसी  है

ये  तेरा  दिल  समझता  है, या  मेरा  दिल  समझता है!






मुहब्बत एक एह्सस्सों  की  पवन  सी  कहानी  है
कभी  कबीरा  दीवाना  था, कभी  मीरा  दीवानी  थी!
यहाँ  सब  लोग  कहते  हैं  मेरी  आँखों  में  आसूं  हैं
जो  तू  समझे  तो  मोती  है , ना  समझे  तो  पानी  है!






समंदर  पीर  का  अन्दर  है  लेकिन  रो  नहीं सकता
ये  आसूं  प्यार  का  मोती  है  इसको  खो  नहीं  सकता !
मेरी  चाहह्त  को  अपना  तू  बना  लेना  मगर  सुन   ले  
जो  मेरा  हो  नहीं पाया  वो  किसीका   हो  नहीं  सकता !






कोई   ब्रह्मर  कोई  कुमुदनी  पर  मचल  बैठा  तो  हंगामा
हमारे  दिल  में  कोई  ख्वाब  पल  बैठा  तो  हंगामा!
अभी  तक  डूब  कर  सुनते  थे  सब  किस्सा  मुहब्बत  का
मै किस्से  को  हकीकत  में  बदल  बैठा  तो  हंगामा!

Tuesday, August 17, 2010

जिद्द है या दीवानापन है!!



 यह  कैसी  मीठी  उलझन  है ? 


धुप  तुम्हारी  याद  दिलाती,
छांव  तुम्हारी  ही  बातें  हैं,
आँखे  एक  झलक  को  प्यासी,
भूले  नहीं  भुला  पाते  हैं,



इतना  क्यों  मोहित  यह  मन  है!

तुमसे  मिलाने  को  आतुर  क्यों, 
मेरा  रोम  रोम  रहता  है,
प्यार  सही  है  , पाप  नहीं  है,
क्यों  मेरा  अंतर  कहता  है,



जिद्द  है  या  दीवानापन  है!! 

मिटटी  की  सौंधी  खुशबू  सी,
या  पूजा  की  झांझर  जैसी,
रिमझिम  रिमझिम  बरखा  हो,
तुम  बहती  नदिया  के  सुर  सी,



तुम  मैं  मेरा  बृन्दावन  है  !!!

Monday, August 16, 2010

मेरा दर्द उनके नाम



उन्हें प्यार करना ही नहीं आता,
हमें प्यार के सिवा कुछ नही आता!
जीने के दो ही रास्ते है,
एक उन्हें नही आता एक हमे नही आता!
वो हमारे सिवा सब से मिलते है,
हमे किसी से हाँथ मिलाना नही आता!
उन्हें होता नही यकीन हमारे सच्चे प्यार पे,
और हमे दिल चीर कर दिखाना नही आता!
वो भूल जाते हैं चेहरा तक मेरा,
एक हम हैं जिसे सपने में भी आलावे उनके नज़र कोई नही आता!

Sunday, August 15, 2010

ये तेरा दोस्ताना

 

lightofthemoontop

क्या ये तेरी दोस्ती और कैसा ये तेरा दोस्ताना
हसता है तू हमपर ऐसे, सुनकर मेरे प्यार का अफसाना

तू भी झूठा और ये तेरी दोस्ती भी झूठी
तूने बहुत है खींचा, तब ये डोर है टूटी

तुझसे लिपटकर, रोने को जी करता है
पर तू नहीं है मेरा दोस्त, ये सोचकर दिल रोता है

ये कविता नहीं मेरा दर्द रो रहा है
मुझे मालुम है कि तू बस, मेरे दर्द का भूका है