Friday, June 17, 2011


3.बातें  याद  रखना ..
1.किसी की शराफत को उसकी बुजदिली न समझना 
2.किसी की सचाई को उसकी बेवकूफी न समझना 
3.किसी के खुलोस को कभी टाइम पास न समझना


Sunday, February 27, 2011


तेरी दुनिया से हो के मजबूर चला
मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला


इस कदर दूर के फिर लौट के भी आ ना सकू
एसी मंजिल के जहां खुद को भी मैं पा ना सकू
और मजबूरे हैं क्या इतना भी बतला ना सकू

आँख भर आई अगर अश्कों को मैं पी लूंगा
आह निकली जो कभी होठों को मैं सी लूंगा
तुझसे वादा हैं किया इसलिए मैं जी लूंगा

खुश रहे तू हैं जहां, ले जा दुवाएं मेरी
तेरी राहों से जुदा हो गयी राहें मेरी
कुछ नहीं साथ मेरे, बस हैं खताएं मेरी

Wednesday, February 16, 2011


सबसे छुपा कर दर्द, में जो मुस्कुरा दिया
मेरी हंसी ने आज तो सबको रुला दिया,

लहजे  से उठ रहा था, हर एक दर्द का धुंआ 
चेहरा बता रहा था की कुछ गवां दिया,

आवाज़ में थिह्राव था, आँखों में नमी थी
और कह रहा था के मैंने सब कुछ भुला दिया,

जाने क्या उसको, लोगों से थी शिकायतें
तनहाइयों के दिस में खुद को बसा दिया,

खुद भी में सबसे बिछड़ कर, अधुरा सा हो गया
तुझ को भी इतने लोगो में तनहा बना दिया,

सबसे छुपा कर दर्द, में जो मुस्कुरा दिया
मेरी हंसी ने आज तो सबको रुला दिया,

Saturday, January 8, 2011

मेरी नज़र की तलाश हो तुम



“कहूँ के क्या हो तुम….?”


मेरे लिए मेरी दुनिया हो तुम,
छु के जो गुज़रे वो हवा हो तुम,
मैंने जो मांगी वो दुआ हो तुम,
किया मैंने महसूस वो एहसास हो तुम,
मेरी नज़र की तलाश हो तुम,
मेरी ज़िन्दगी का करार हो तुम,
मैंने जो चाह वो प्यार हो तुम,
मेरे इंतजार की रहत हो तुम,
मेरे दिल की चाहत हो तुम,
तुम हो तू दुनिया है मेरी,
कैसे कहूँ की सिर्फ प्यार नहीं,
मेरी जान हो तुम....................

Sunday, January 2, 2011

ज़बान

मेरी ज़बान मेरी हालत बता नहीं सकती
लबों पे रूकती दिलों में समां नहीं सकी !

वो एक बात जो लफ़्ज़ों में आ नहीं सकती 
जो दिल में होना ज़रा ग़ुम तो अश्क पानी है,

के आग ख़ाक को कुंदन बना नहीं सकती
यकीन गुमान से बहार तू हो नहीं सकती,

नज़र ख्याल से आगे तू जा नहीं सकती.
दिलों के रंज फ़क़त अहले दर्द जानते हैं,

तेरी समझ में मेरी बात आ नहीं सकती.
यह सोच-ए-इश्क तो गूंगे का ख्वाब है जैसे

मेरी ज़बान मेरी हालत बता नहीं सकती. 
लबों पे रखती दिलों में समां नहीं सकी,
इन आँखों में कभी जो झांको तुम,
इन में सभी तस्वीर तुम्हारी है!
कहने  को तो ये नादान दिल है हमारा,
लेकिन इसमें सभी धडकने तुम्हारी है!.......

Friday, December 24, 2010

हया, भारतीय नारी


झुकी हुयी ये ऑंखें तेरी,
सादगी से भरा ये चेहरा तेरा,
आफरीन लग रही है तू इस कदर,
कोई क्यूँ ना मोहब्बत कर बैठे…

तुझे देख के ऐसा लगता है,
फुर्सत में बनाया कुदरत ने तुझे,
डूबा रहा वो जिस अंजुमन में.
हम  क्यूँ  ना उसी में मर बैठे ........